सिंधुनद
From जैनकोष
जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र का एक नगर । चक्रवर्ती हरिषेण अनेक देशों में भ्रमण करते हुए यहाँ आये थे । इसी नगर में हाथी उन्मत्त हुआ था जिसे हरिषेण ने वंश में कर के नागरिकों की रक्षा की थी । पद्मपुराण - 8.319-340
जंबूद्वीप के भरतक्षेत्र का एक नगर । चक्रवर्ती हरिषेण अनेक देशों में भ्रमण करते हुए यहाँ आये थे । इसी नगर में हाथी उन्मत्त हुआ था जिसे हरिषेण ने वंश में कर के नागरिकों की रक्षा की थी । पद्मपुराण - 8.319-340