हारयष्टि
From जैनकोष
वक्षस्थल पर धारण किया जाने वाला मौक्तिक-हार । लड़ियों की संख्या के अनुसार इसके ग्यारह भेद होते हैं । वे हैं― इंद्रच्छंद, विजयच्छंद, हार देवच्छंद, अर्धहार, रश्मिकलाप, गुच्छ, नक्षत्रमाला, अर्धगुच्छ, माणव और अर्धमाणव । महापुराण 7.231, 14.213, 15.15, 16.52-61