हृदयंगम
From जैनकोष
तिलोयपण्णत्ति/6/34 ते किंपुरिसा किंणरहिदयंगमरुवपालिकिंणरया। किंणरणिंदिदणामा मणरम्मा किंणरुत्तमया।34। रतिपियजेट्ठा। =किंपुरुष, किन्नर, ह्रदयंगम, रूपपाली, किन्नरकिन्नर, अनिंदित, मनोरम, किन्नरोत्तम, रतिप्रिय और ज्येष्ठ, ये दश प्रकार के किन्नर जाति के देव होते हैं। (तिलोकसार/257−258)
किन्नर नामा व्यंतर जाति का एक भेद - देखें किंनर ।