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Showing below up to 50 results in range #41 to #90.
- Testpage (00:46, 13 February 2008)
- दौलतरामजी (01:04, 13 February 2008)
- निरखी निरखी मनहर मूरत (00:12, 14 February 2008)
- तोरी पल पल निरखें मूरतियाँ (00:14, 14 February 2008)
- तेरी शीतल-शीतल मूरत लख (00:15, 14 February 2008)
- स्वामी तेरा मुखड़ा है मन को लुभाना (00:16, 14 February 2008)
- तेरे दर्शन को मन दौड़ा (00:19, 14 February 2008)
- लहरायेगा-लहरायेगा झंडा महावीर का (00:20, 14 February 2008)
- काहे पाप करे काहे छल (00:23, 14 February 2008)
- ध्यान धर ले प्रभू को ध्यान धर ले (00:24, 14 February 2008)
- जो आज दिन है वो, कल ना रहेगा, कल ना रहेगा (00:25, 14 February 2008)
- संसार महा अघसागर में (00:25, 14 February 2008)
- कहा मानले ओ मेरे भैया (00:27, 14 February 2008)
- आज सी सुहानी सु घड़ी इतनी (00:27, 14 February 2008)
- धोली हो गई रे काली कामली माथा की थारी (00:28, 14 February 2008)
- नित उठ ध्याऊँ, गुण गाऊँ, परम दिगम्बर साधु (00:31, 14 February 2008)
- परम दिगम्बर यती, महागुण व्रती, करो निस्तारा (00:32, 14 February 2008)
- पल पल बीते उमरिया रूप जवानी जाती (00:33, 14 February 2008)
- धन्य धन्य आज घड़ी कैसी सुखकार है (00:35, 14 February 2008)
- तोड़ विषियों से मन जोड़ प्रभु से लगन (00:36, 14 February 2008)
- प्रभु दर्शन कर जीवन की, भीड़ भगी मेरे कर्मन की (00:37, 14 February 2008)
- भाया थारी बावली जवानी चाली रे (00:40, 14 February 2008)
- तेरी सुन्दर मूरत देख प्रभो (00:40, 14 February 2008)
- भावों में सरलता (00:41, 14 February 2008)
- मैं हूँ आतमराम (00:43, 14 February 2008)
- मन महल में दो दो भाव जगे (00:44, 14 February 2008)
- मत बिसरावो जिनजी (00:45, 14 February 2008)
- जहाँ रागद्वेष से रहित निराकुल (00:46, 14 February 2008)
- लिया प्रभू अवतार, जय जय कार जय जय कार (01:23, 14 February 2008)
- पर्वराज पर्यूषण आया दस धर्मो की ले माला (07:38, 14 February 2008)
- काव्य कोष (07:49, 14 February 2008)
- सन्त निरन्तर चिन्तत ऐसैं (11:09, 14 February 2008)
- सुमर सदा मन आतमराम (11:12, 14 February 2008)
- आतम अनुभव आवै जब निज (11:13, 14 February 2008)
- ऐसे विमल भाव जब पावै (11:15, 14 February 2008)
- आकुलरहित होय इमि निशदिन (11:16, 14 February 2008)
- सफल है धन्य धन्य वा घरी (11:17, 14 February 2008)
- प्रानी समकित ही शिवपंथा (11:18, 14 February 2008)
- जीवन के परिनामनिकी यह (11:18, 14 February 2008)
- परनति सब जीवनकी (11:29, 14 February 2008)
- तू स्वरूप जाने बिना दुखी (11:29, 14 February 2008)
- सत्ता रंगभूमिमें, नटत ब्रह्म नटराय (11:30, 14 February 2008)
- सांची तो गंगा यह वीतरागवानी (11:30, 14 February 2008)
- महिमा है अगम जिनागमकी (11:30, 14 February 2008)
- महिमा जिनमतकी (11:32, 14 February 2008)
- थांकी तो वानी में हो (11:32, 14 February 2008)
- मेघघटासम श्रीजिनवानी (11:33, 14 February 2008)
- म्हांकै घट जिनधुनि अब प्रगटी (11:35, 14 February 2008)
- अहो यह उपदेशमाहीं (11:37, 14 February 2008)
- धन्य धन्य है घड़ी आजकी (11:38, 14 February 2008)