अनुलोम: Difference between revisions
From जैनकोष
(New page: (पंचाध्यायी / पूर्वार्ध श्लोक संख्या २८८/भाषाकार) सामान्यकी मुख्यता त...) |
ShrutiJain (talk | contribs) No edit summary |
||
(6 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p><span class="GRef">पंचाध्यायी / पूर्वार्ध श्लोक 288/भाषाकार</span> <br> | |||
[[Category:अ]] | <span class="HindiText">सामान्य की मुख्यता तथा विशेष की गौणता करने से जो अस्तिनास्ति रूप वस्तु प्रतिपादित होती है, उसको अनुलोम क्रम कहते हैं।</span></p> | ||
[[Category: | |||
<noinclude> | |||
[[ अनुराधा | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ अनुवाद | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: अ]] | |||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 21:41, 30 October 2022
पंचाध्यायी / पूर्वार्ध श्लोक 288/भाषाकार
सामान्य की मुख्यता तथा विशेष की गौणता करने से जो अस्तिनास्ति रूप वस्तु प्रतिपादित होती है, उसको अनुलोम क्रम कहते हैं।