असंक्षेपाद्धा: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="HindiText"> जिससे संक्षिप्त कोई काल न हो, उसे असंक्षेपाद्धा काल कहते हैं। </p> | <p class="HindiText"> जिससे संक्षिप्त अर्थात् अल्प कोई काल न हो, उसे असंक्षेपाद्धा काल कहते हैं। आचार्य नेमिचन्द्र ने गोम्मटसार कर्मकाण्ड की गाथा 917 में आयु कर्म के जघन्य आबाधा काल को यही संज्ञा दी है।</p> | ||
<p class="HindiText"> अद्धा के विषय में अधिक जानने हेतु देखें [[ अद्धा ]]।</p> | <p class="HindiText"> अद्धा के विषय में अधिक जानने हेतु देखें [[ अद्धा ]]।</p> |
Latest revision as of 21:59, 25 December 2022
जिससे संक्षिप्त अर्थात् अल्प कोई काल न हो, उसे असंक्षेपाद्धा काल कहते हैं। आचार्य नेमिचन्द्र ने गोम्मटसार कर्मकाण्ड की गाथा 917 में आयु कर्म के जघन्य आबाधा काल को यही संज्ञा दी है।
अद्धा के विषय में अधिक जानने हेतु देखें अद्धा ।