असंक्षेपाद्धा
From जैनकोष
जिससे संक्षिप्त अर्थात् अल्प कोई काल न हो, उसे असंक्षेपाद्धा काल कहते हैं। आचार्य नेमिचन्द्र ने गोम्मटसार कर्मकाण्ड की गाथा 917 में आयु कर्म के जघन्य आबाधा काल को यही संज्ञा दी है।
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