अष्टम पृथिवी: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> <span class="GRef"> भगवती आराधना/2133 </span> < | <p> <span class="GRef"> भगवती आराधना/2133 </span> <p class=" PrakritText "> ईसिप्पब्भाराए उवरिं अत्थदि सो जोयणम्मिसदिए । धुवमचलमजरठाण लोगसिहरमस्सिदो सिद्धो ।</p> <span class="HindiText"> | ||
= सिद्धभूमि आठवीं ‘ईषत्प्राग्भार’ पृथिवी के ऊपर स्थित है। एक योजन में कुछ कम है। सिद्धजीव ऐसे निष्कंप व स्थिर स्थान में तिष्ठते हैं।</span> | = सिद्धभूमि आठवीं ‘ईषत्प्राग्भार’ पृथिवी के ऊपर स्थित है। एक योजन में कुछ कम है। सिद्धजीव ऐसे निष्कंप व स्थिर स्थान में तिष्ठते हैं।</span> | ||
</p> | </p><br> | ||
<p> इस विषय में तथा मोक्ष के सम्बन्ध में विशेष जानकारी हेतु देखें [[ मोक्ष#1.7 | मोक्ष - 1.7]]।</p> | |||
<p class="HindiText"> इस विषय में तथा मोक्ष के सम्बन्ध में विशेष जानकारी हेतु देखें [[ मोक्ष#1.7 | मोक्ष - 1.7]]।</p> | |||
Latest revision as of 14:19, 29 December 2022
भगवती आराधना/2133
ईसिप्पब्भाराए उवरिं अत्थदि सो जोयणम्मिसदिए । धुवमचलमजरठाण लोगसिहरमस्सिदो सिद्धो ।
= सिद्धभूमि आठवीं ‘ईषत्प्राग्भार’ पृथिवी के ऊपर स्थित है। एक योजन में कुछ कम है। सिद्धजीव ऐसे निष्कंप व स्थिर स्थान में तिष्ठते हैं।
इस विषय में तथा मोक्ष के सम्बन्ध में विशेष जानकारी हेतु देखें मोक्ष - 1.7।