कर्त्रन्वयक्रिया: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
< | <span class="HindiText"> सम्यग्दृष्टियों द्वारा अनुष्ठेय गर्भान्वय, दीक्षान्वय और कर्त्रन्वय क्रियाओं में तीसरी क्रिया । यह क्रिया सात प्रकार की है—1. सज्जाति 2. सद्गुहित्व 3. पारिव्राज्य 4. सुरेंद्रता 5. साम्राज्य 6. परमार्हंत्य 7. परमनिर्वाण । पुण्यात्मा ही इन क्रियाओं को प्राप्त करते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 38.50-53, 66-68 </span> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: क]] | [[Category: क]] | ||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 14:49, 12 February 2023
सम्यग्दृष्टियों द्वारा अनुष्ठेय गर्भान्वय, दीक्षान्वय और कर्त्रन्वय क्रियाओं में तीसरी क्रिया । यह क्रिया सात प्रकार की है—1. सज्जाति 2. सद्गुहित्व 3. पारिव्राज्य 4. सुरेंद्रता 5. साम्राज्य 6. परमार्हंत्य 7. परमनिर्वाण । पुण्यात्मा ही इन क्रियाओं को प्राप्त करते हैं । महापुराण 38.50-53, 66-68