उपरितन स्थिति: Difference between revisions
From जैनकोष
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
<span class="GRef"> गोम्मटसार जीवकांड/ अर्थ संदृष्टि/पृष्ठ 24</span><p class="HindiText"> ताके (उदयावली तथा गुणश्रेणी के) ऊपर (बहुत काल तक उदय आने योग्य) के जे निषेक तिनिका समूह सो तो '''उपरितन स्थिति''' है।</p> | <span class="GRef"> गोम्मटसार जीवकांड/ अर्थ संदृष्टि/पृष्ठ 24</span><p class="HindiText"> ताके (उदयावली तथा गुणश्रेणी के) ऊपर (बहुत काल तक उदय आने योग्य) के जे निषेक तिनिका समूह सो तो '''उपरितन स्थिति''' है।</p> | ||
<p>देखें [[ स्थिति#1 | स्थिति - 1]]।</p> | <p>अधिक जानकारी के लिये देखें [[ स्थिति#1 | स्थिति - 1]]।</p> | ||
Latest revision as of 09:20, 29 June 2023
गोम्मटसार जीवकांड/ भाषा./67/176/10
वर्तमान समय तै लगाइ उदयावली का काल, ताकै पीछे गुण श्रेणी आयाम काल, ताके पीछे अवशेष सर्व स्थिति काल, अंत विषै अतिस्थापनावली बिना सो उपरितन स्थिति का काल, तिनिके निषेक पूर्वै थे तिनि विषै मिलाइए है। सो यह मिलाया हुआ द्रव्यपूर्वं निषेकनि के साथ उदय होइ निर्जरै है, ऐसा भाव जानना।।
गोम्मटसार जीवकांड/ अर्थ संदृष्टि/पृष्ठ 24
ताके (उदयावली तथा गुणश्रेणी के) ऊपर (बहुत काल तक उदय आने योग्य) के जे निषेक तिनिका समूह सो तो उपरितन स्थिति है।
अधिक जानकारी के लिये देखें स्थिति - 1।