ऋजुगति: Difference between revisions
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<p class="HindiText">(विग्रहगति में नियम से कार्मणयोग होता है, पर '''ऋजुगति''' में कार्मणयोग न होकर औदारिकमिश्र और वैक्रियकमिश्र काय योग होता है।)(विग्रहगति में जीवों का आकार व संस्थान आनुपूर्वी नामकर्म के उदय से होता है, परंतु '''ऋजुगति''' में उसके आकार का कारण उत्तरभव की आयु का सत्त्व माना जाता है।)</p> | |||
<p class="HindiText">अधिक जानकारी के लिये देखें [[ विग्रहगति#2 | विग्रहगति - 2]]।</p> | |||
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धवला 13/5, 5, 120/378/4 आणुपुव्विउदयाभावेण उजुगदीए गमणाभावप्पसंगादो। =
ऋजुगति में आनुपूर्वी का उदय नहीं होता।
(विग्रहगति में नियम से कार्मणयोग होता है, पर ऋजुगति में कार्मणयोग न होकर औदारिकमिश्र और वैक्रियकमिश्र काय योग होता है।)(विग्रहगति में जीवों का आकार व संस्थान आनुपूर्वी नामकर्म के उदय से होता है, परंतु ऋजुगति में उसके आकार का कारण उत्तरभव की आयु का सत्त्व माना जाता है।)
अधिक जानकारी के लिये देखें विग्रहगति - 2।