लोकादित्य: Difference between revisions
From जैनकोष
Komaljain7 (talk | contribs) mNo edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText">उत्तर पुराण की अंतिम प्रशस्ति के अनुसार राजा अकालवर्ष के समकालीन थे। इनकी राजधानी बंकापुर थी तथा राजा बंकेय के पुत्र थे। आचार्य लोकसेन ने इनके समय में ही उत्तर पुराण को पूर्ण किया था। तदनुसार इनका समय - श. 820 (ई. 898) आता है। | <div class="HindiText">उत्तर पुराण की अंतिम प्रशस्ति के अनुसार राजा अकालवर्ष के समकालीन थे। इनकी राजधानी बंकापुर थी तथा राजा बंकेय के पुत्र थे। आचार्य लोकसेन ने इनके समय में ही उत्तर पुराण को पूर्ण किया था। तदनुसार इनका समय - श. 820 (ई. 898) आता है। <span class="GRef">( महापुराण/ </span>प्र. 42/पन्नालाल)। | ||
<noinclude> | <noinclude> |
Latest revision as of 22:35, 17 November 2023
उत्तर पुराण की अंतिम प्रशस्ति के अनुसार राजा अकालवर्ष के समकालीन थे। इनकी राजधानी बंकापुर थी तथा राजा बंकेय के पुत्र थे। आचार्य लोकसेन ने इनके समय में ही उत्तर पुराण को पूर्ण किया था। तदनुसार इनका समय - श. 820 (ई. 898) आता है। ( महापुराण/ प्र. 42/पन्नालाल)।