अदिति: Difference between revisions
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<p id="2">(2) तप से भ्रष्ट हुए नमि और विनमि इन दोनों भाइयों ने ध्यानस्थ वृषभनाथ से राज्य की याचना की तब शासन की रक्षा करने में निपुण धरणेंद्र के आदेश से उसके साथ आयी इस देवी ने उन दोनों को एक विद्याकोश तथा विद्याओं के ये आठ निकाय दिये थे― 1. मनु 2. मानव 3. कौशिक 4. गौरिक 5. गांधार 6. भूमितुंड 7. मूलवीर्यक और 8. शंकुक । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 22.51-58 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) तप से भ्रष्ट हुए नमि और विनमि इन दोनों भाइयों ने ध्यानस्थ वृषभनाथ से राज्य की याचना की तब शासन की रक्षा करने में निपुण धरणेंद्र के आदेश से उसके साथ आयी इस देवी ने उन दोनों को एक विद्याकोश तथा विद्याओं के ये आठ निकाय दिये थे― 1. मनु 2. मानव 3. कौशिक 4. गौरिक 5. गांधार 6. भूमितुंड 7. मूलवीर्यक और 8. शंकुक । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_22#51|हरिवंशपुराण - 22.51-58]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
( हरिवंशपुराण - 22.51-53 )
तप भ्रष्ट नमि-विनमि द्वारा ध्यानस्थ ऋषभनाथ भगवान् से राज्य की याचना करने पर, अपने पति धरणेंद्र की आज्ञा से इस देवी ने उन दोनों को विद्याओं का कोप दिया था।
पुराणकोष से
(1) विद्याधर मकरध्वज की भार्या, लोकपाल सोम की जननी । पद्मपुराण - 7.108
(2) तप से भ्रष्ट हुए नमि और विनमि इन दोनों भाइयों ने ध्यानस्थ वृषभनाथ से राज्य की याचना की तब शासन की रक्षा करने में निपुण धरणेंद्र के आदेश से उसके साथ आयी इस देवी ने उन दोनों को एक विद्याकोश तथा विद्याओं के ये आठ निकाय दिये थे― 1. मनु 2. मानव 3. कौशिक 4. गौरिक 5. गांधार 6. भूमितुंड 7. मूलवीर्यक और 8. शंकुक । हरिवंशपुराण - 22.51-58