अपर्याप्तक: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> घटीयंत्र के समान निरंतर भ्रमणशील ऐसा जीव जो अपनी पर्याप्तियों को पूरा नहीं कर पाता । <span class="GRef"> महापुराण 17.24, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 105. 145-146 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> घटीयंत्र के समान निरंतर भ्रमणशील ऐसा जीव जो अपनी पर्याप्तियों को पूरा नहीं कर पाता । <span class="GRef"> महापुराण 17.24, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_105#145|पद्मपुराण - 105.145-146]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: अ]] | [[Category: अ]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
घटीयंत्र के समान निरंतर भ्रमणशील ऐसा जीव जो अपनी पर्याप्तियों को पूरा नहीं कर पाता । महापुराण 17.24, पद्मपुराण - 105.145-146