अरिष्टपुर: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
(4 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 3: | Line 3: | ||
== | == सिद्धांतकोष से == | ||
<p | <p class="HindiText">पूर्व विदेहस्थ कच्छक देश की मुख्य नगरी - देखें [[ लोक#5.2 | लोक - 5.2]]</p> | ||
Line 15: | Line 15: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: अ]] | [[Category: अ]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] | |||
[[Category: करणानुयोग]] | |||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) भरतक्षेत्र के आर्यखंड का एक नगर । रोहिणी का जन्म यहीं हुआ था । यह तीर्थंकर अनंतनाथ के पूर्वभव की राजधानी थी । इसी नगर में रोहिणी ने स्वयंवर में वसुदेव का वरण किया था । राजा हिरण्याभ इसी नगर का नृप था । इसको पुत्री पद्मावती को कृष्ण ने विवाहा था । <span class="GRef"> महापुराण 70 307, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 20.14-17,39. 148, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 31.8, 41-43, | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) भरतक्षेत्र के आर्यखंड का एक नगर । रोहिणी का जन्म यहीं हुआ था । यह तीर्थंकर अनंतनाथ के पूर्वभव की राजधानी थी । इसी नगर में रोहिणी ने स्वयंवर में वसुदेव का वरण किया था । राजा हिरण्याभ इसी नगर का नृप था । इसको पुत्री पद्मावती को कृष्ण ने विवाहा था । <span class="GRef"> महापुराण 70 307, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_20#14|पद्मपुराण - 20.14-17]], [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_39#148|39.148]], </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_31#8|हरिवंशपुराण - 31.8]], [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_31#41|31.41-43]], [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_44#37|44.37-43]], </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 11.31-35 </span></p> | ||
<p id="2">(2) जंबूद्वीप की सीता नदी के उत्तरी तट पर स्थित कच्छकावती देश की राजधानी । <span class="GRef"> महापुराण 63.208-213 </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60.75 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) जंबूद्वीप की सीता नदी के उत्तरी तट पर स्थित कच्छकावती देश की राजधानी । <span class="GRef"> महापुराण 63.208-213 </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_60#75|हरिवंशपुराण - 60.75]] </span></p> | ||
<p id="3">(3) पूर्व विदेह क्षेत्र के महाकच्छ देश का एक नगर । <span class="GRef"> महापुराण 5.193 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) पूर्व विदेह क्षेत्र के महाकच्छ देश का एक नगर । <span class="GRef"> महापुराण 5.193 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 31: | Line 32: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: अ]] | [[Category: अ]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] | |||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
पूर्व विदेहस्थ कच्छक देश की मुख्य नगरी - देखें लोक - 5.2
पुराणकोष से
(1) भरतक्षेत्र के आर्यखंड का एक नगर । रोहिणी का जन्म यहीं हुआ था । यह तीर्थंकर अनंतनाथ के पूर्वभव की राजधानी थी । इसी नगर में रोहिणी ने स्वयंवर में वसुदेव का वरण किया था । राजा हिरण्याभ इसी नगर का नृप था । इसको पुत्री पद्मावती को कृष्ण ने विवाहा था । महापुराण 70 307, पद्मपुराण - 20.14-17, 39.148, हरिवंशपुराण - 31.8, 31.41-43, 44.37-43, पांडवपुराण 11.31-35
(2) जंबूद्वीप की सीता नदी के उत्तरी तट पर स्थित कच्छकावती देश की राजधानी । महापुराण 63.208-213 हरिवंशपुराण - 60.75
(3) पूर्व विदेह क्षेत्र के महाकच्छ देश का एक नगर । महापुराण 5.193