कांचनरथ: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> (1) जरासंध का एक पुत्र । इसके अनेक भाई थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 52. 29-40 </span></br><span class="HindiText">(2) कांचनस्थान नगर का राजा । शतह्रदा रानी से उत्पन्न इसकी मंदाकिनी और चंद्रभाग्या नाम की दो कन्याएं थी । ज्येष्ठा मंदाकिनी ने अनंगलवण को और कनिष्ठा चंद्रभाग्या ने मदनांकुश को वरा था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_110#1|पद्मपुराण - 110.1]], 18-19 </span> | <span class="HindiText"> (1) जरासंध का एक पुत्र । इसके अनेक भाई थे । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_52#29|हरिवंशपुराण - 52.29-40]] </span></br><span class="HindiText">(2) कांचनस्थान नगर का राजा । शतह्रदा रानी से उत्पन्न इसकी मंदाकिनी और चंद्रभाग्या नाम की दो कन्याएं थी । ज्येष्ठा मंदाकिनी ने अनंगलवण को और कनिष्ठा चंद्रभाग्या ने मदनांकुश को वरा था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_110#1|पद्मपुराण - 110.1]], 18-19 </span> | ||
Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
(1) जरासंध का एक पुत्र । इसके अनेक भाई थे । हरिवंशपुराण - 52.29-40
(2) कांचनस्थान नगर का राजा । शतह्रदा रानी से उत्पन्न इसकी मंदाकिनी और चंद्रभाग्या नाम की दो कन्याएं थी । ज्येष्ठा मंदाकिनी ने अनंगलवण को और कनिष्ठा चंद्रभाग्या ने मदनांकुश को वरा था । पद्मपुराण - 110.1, 18-19