गंधवां: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> हैमवत क्षेत्र के मध्य में स्थित चार गोलाकार विजया पर्वतों में एक पर्वत । रोह्या और रोहितास्या नदियाँ इसके पास बहती है । प्रभात यहाँ का व्यंतर देव है ।</span> <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.161-164 </span> | <span class="HindiText"> हैमवत क्षेत्र के मध्य में स्थित चार गोलाकार विजया पर्वतों में एक पर्वत । रोह्या और रोहितास्या नदियाँ इसके पास बहती है । प्रभात यहाँ का व्यंतर देव है ।</span> <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#161|हरिवंशपुराण - 5.161-164]] </span> | ||
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हैमवत क्षेत्र के मध्य में स्थित चार गोलाकार विजया पर्वतों में एक पर्वत । रोह्या और रोहितास्या नदियाँ इसके पास बहती है । प्रभात यहाँ का व्यंतर देव है । हरिवंशपुराण - 5.161-164