गंधवां
From जैनकोष
हैमवत क्षेत्र के मध्य में स्थित चार गोलाकार विजया पर्वतों में एक पर्वत । रोह्या और रोहितास्या नदियाँ इसके पास बहती है । प्रभात यहाँ का व्यंतर देव है । हरिवंशपुराण - 5.161-164
हैमवत क्षेत्र के मध्य में स्थित चार गोलाकार विजया पर्वतों में एक पर्वत । रोह्या और रोहितास्या नदियाँ इसके पास बहती है । प्रभात यहाँ का व्यंतर देव है । हरिवंशपुराण - 5.161-164