धर्मसिंह: Difference between revisions
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<p> एक मुनि । सुमुख सेठ और वनमाला ने इन्हें आहार देकर इनके सन्मुख अपने पाप की | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक मुनि । सुमुख सेठ और वनमाला ने इन्हें आहार देकर इनके सन्मुख अपने पाप की निंदा की थी और प्रायश्चित्त ग्रहण किया था । <span class="GRef"> महापुराण 70. 73 </span></p> | ||
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एक मुनि । सुमुख सेठ और वनमाला ने इन्हें आहार देकर इनके सन्मुख अपने पाप की निंदा की थी और प्रायश्चित्त ग्रहण किया था । महापुराण 70. 73