धर्मसंज्ञ
From जैनकोष
एक चारणऋद्धिधारी मुनि । इन्होंने गंधमादन पर्वत पर तपस्या की थी और लोगों को धर्मोपदेश दिया था । इनके साथ दूसरे चारणऋद्धि मुनि श्रीधर थे । हरिवंशपुराण - 60.16-17
एक चारणऋद्धिधारी मुनि । इन्होंने गंधमादन पर्वत पर तपस्या की थी और लोगों को धर्मोपदेश दिया था । इनके साथ दूसरे चारणऋद्धि मुनि श्रीधर थे । हरिवंशपुराण - 60.16-17