पदानुसारिणी-ऋद्धि: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(5 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> एक ऋद्धि इससे आगम का एक पद सुनकर पूर्ण आगम का बोध हो जाता है । परभव | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक ऋद्धि इससे आगम का एक पद सुनकर पूर्ण आगम का बोध हो जाता है । परभव संबंधी गमनागमन की भी जानकारी इससे प्राप्त हो जाती है । ऐसी ऋद्धियों मुनियों को प्राप्त होती है । <span class="GRef"> महापुराण 2.67, 11. 80-81, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_18#107|हरिवंशपुराण - 18.107]] </span></p> </div> | ||
<div class="HindiText"> विशेष विवरण के लिये देखें [[ ऋद्धि#2.4 | ऋद्धि 2.4 ]].</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ पदातिसेना | पूर्व पृष्ठ ]] | [[ पदातिसेना | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: प]] | [[Category: प]] | ||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
एक ऋद्धि इससे आगम का एक पद सुनकर पूर्ण आगम का बोध हो जाता है । परभव संबंधी गमनागमन की भी जानकारी इससे प्राप्त हो जाती है । ऐसी ऋद्धियों मुनियों को प्राप्त होती है । महापुराण 2.67, 11. 80-81, हरिवंशपुराण - 18.107
विशेष विवरण के लिये देखें ऋद्धि 2.4 .