पवि: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(4 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> राजा मृगारिदमन के पश्चात् हुआ लंका का एक राक्षसवंशी राजा । यह मायावी, पराक्रमी और विद्याबल से युक्त था । पद्मपुराण 5.387,394,399-400</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> राजा मृगारिदमन के पश्चात् हुआ लंका का एक राक्षसवंशी राजा । यह मायावी, पराक्रमी और विद्याबल से युक्त था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#387|पद्मपुराण -5. 387]],394,399-400 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ | [[ पवाइज्जमाण | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ पशु | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: प]] | [[Category: प]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
राजा मृगारिदमन के पश्चात् हुआ लंका का एक राक्षसवंशी राजा । यह मायावी, पराक्रमी और विद्याबल से युक्त था । पद्मपुराण -5. 387,394,399-400