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<p> मेघवाहन के पूर्वभव का जीव । यह कौशांबी नगरी के एक दरिद्र कुल में उत्पन्न हुआ था । प्रथम इसका सहोदर था । यह भवदत्त मुनि से दीक्षित होकर क्षुल्लक हो गया था तथा मरकर निदान के कारण नंदि सेठ का पुत्र हुआ । पूर्वभव का भाई मरकर देव हुआ था । उसके द्वारा संबोधे जाने से यह भी देव हो गया था । दोनों देव स्वर्ग से चयकर मंदोदरी के इंद्रजित् और मेघवाहन नामक पुत्र हुए । <span class="GRef"> पद्मपुराण 78.63-80 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> मेघवाहन के पूर्वभव का जीव । यह कौशांबी नगरी के एक दरिद्र कुल में उत्पन्न हुआ था । प्रथम इसका सहोदर था । यह भवदत्त मुनि से दीक्षित होकर क्षुल्लक हो गया था तथा मरकर निदान के कारण नंदि सेठ का पुत्र हुआ । पूर्वभव का भाई मरकर देव हुआ था । उसके द्वारा संबोधे जाने से यह भी देव हो गया था । दोनों देव स्वर्ग से चयकर मंदोदरी के इंद्रजित् और मेघवाहन नामक पुत्र हुए । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_78#63|पद्मपुराण - 78.63-80]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
मेघवाहन के पूर्वभव का जीव । यह कौशांबी नगरी के एक दरिद्र कुल में उत्पन्न हुआ था । प्रथम इसका सहोदर था । यह भवदत्त मुनि से दीक्षित होकर क्षुल्लक हो गया था तथा मरकर निदान के कारण नंदि सेठ का पुत्र हुआ । पूर्वभव का भाई मरकर देव हुआ था । उसके द्वारा संबोधे जाने से यह भी देव हो गया था । दोनों देव स्वर्ग से चयकर मंदोदरी के इंद्रजित् और मेघवाहन नामक पुत्र हुए । पद्मपुराण - 78.63-80