भावास्रव: Difference between revisions
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
देखें आस्रव - 1।
पुराणकोष से
राग आदि से दूषित वह भाव जिससे कर्म आते हैं, भावास्रव कहलाता है । वीरवर्द्धमान चरित्र 16. 140