महानेमि: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) राजा समुद्रविजय का पुत्र । यह यादवों का पक्षधर एक अर्धरथी राजा था । वसुदेव द्वारा की गयी गरुड़-व्यूह रचना में इसे कृष्ण के रथ की रक्षा के लिए नियुक्त किया गया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48.43, 50.83-85, 120, 52.14 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) राजा समुद्रविजय का पुत्र । यह यादवों का पक्षधर एक अर्धरथी राजा था । वसुदेव द्वारा की गयी गरुड़-व्यूह रचना में इसे कृष्ण के रथ की रक्षा के लिए नियुक्त किया गया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_48#43|हरिवंशपुराण - 48.43]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_48#50|हरिवंशपुराण - 48.50]].83-85, 120, 52.14 </span></p> | ||
<p id="2">(2) उग्रसेन का पुत्र । श्रीकृष्ण ने इसे शौर्यनगर का राज्य दिया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 53. 45 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) उग्रसेन का पुत्र । श्रीकृष्ण ने इसे शौर्यनगर का राज्य दिया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_53#45|हरिवंशपुराण - 53.45]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
(1) राजा समुद्रविजय का पुत्र । यह यादवों का पक्षधर एक अर्धरथी राजा था । वसुदेव द्वारा की गयी गरुड़-व्यूह रचना में इसे कृष्ण के रथ की रक्षा के लिए नियुक्त किया गया था । हरिवंशपुराण - 48.43,हरिवंशपुराण - 48.50.83-85, 120, 52.14
(2) उग्रसेन का पुत्र । श्रीकृष्ण ने इसे शौर्यनगर का राज्य दिया था । हरिवंशपुराण - 53.45