महिदेव: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> कौशांबी के वैश्य बृहद्धन का पुत्र और अहिदेव का भाई । इन दोनों भाइयों के पास एक रत्न था । वह जिस भाई के पास रहता वह दूसरे भाई को मारने की इच्छा करने लगता । अत: ये दोनों भाई रत्न माता को देकर विरक्त हो गये थे । <span class="GRef"> महापुराण 55. 60-63 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> कौशांबी के वैश्य बृहद्धन का पुत्र और अहिदेव का भाई । इन दोनों भाइयों के पास एक रत्न था । वह जिस भाई के पास रहता वह दूसरे भाई को मारने की इच्छा करने लगता । अत: ये दोनों भाई रत्न माता को देकर विरक्त हो गये थे । <span class="GRef"> महापुराण 55. 60-63 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
कौशांबी के वैश्य बृहद्धन का पुत्र और अहिदेव का भाई । इन दोनों भाइयों के पास एक रत्न था । वह जिस भाई के पास रहता वह दूसरे भाई को मारने की इच्छा करने लगता । अत: ये दोनों भाई रत्न माता को देकर विरक्त हो गये थे । महापुराण 55. 60-63