महिदेव
From जैनकोष
कौशांबी के वैश्य बृहद्धन का पुत्र और अहिदेव का भाई । इन दोनों भाइयों के पास एक रत्न था । वह जिस भाई के पास रहता वह दूसरे भाई को मारने की इच्छा करने लगता । अत: ये दोनों भाई रत्न माता को देकर विरक्त हो गये थे । महापुराण 55. 60-63