मानुषक्षेत्र: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> मनुष्यों के गमनागमन के योग्य भूमि । यह जंबूद्वीप धातकीखंडद्वीप और पुष्करार्द्ध इस प्रकार अढ़ाई द्वीप तथा लवणोदधि और कालोदधि समुद्र तक है । इसका विस्तार पैतालीस लाख योजन है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.590 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> मनुष्यों के गमनागमन के योग्य भूमि । यह जंबूद्वीप धातकीखंडद्वीप और पुष्करार्द्ध इस प्रकार अढ़ाई द्वीप तथा लवणोदधि और कालोदधि समुद्र तक है । इसका विस्तार पैतालीस लाख योजन है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#590|हरिवंशपुराण - 5.590]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
मनुष्यों के गमनागमन के योग्य भूमि । यह जंबूद्वीप धातकीखंडद्वीप और पुष्करार्द्ध इस प्रकार अढ़ाई द्वीप तथा लवणोदधि और कालोदधि समुद्र तक है । इसका विस्तार पैतालीस लाख योजन है । हरिवंशपुराण - 5.590