मानुषक्षेत्र
From जैनकोष
मनुष्यों के गमनागमन के योग्य भूमि । यह जंबूद्वीप धातकीखंडद्वीप और पुष्करार्द्ध इस प्रकार अढ़ाई द्वीप तथा लवणोदधि और कालोदधि समुद्र तक है । इसका विस्तार पैतालीस लाख योजन है । हरिवंशपुराण - 5.590
मनुष्यों के गमनागमन के योग्य भूमि । यह जंबूद्वीप धातकीखंडद्वीप और पुष्करार्द्ध इस प्रकार अढ़ाई द्वीप तथा लवणोदधि और कालोदधि समुद्र तक है । इसका विस्तार पैतालीस लाख योजन है । हरिवंशपुराण - 5.590