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<div class="HindiText"> <p id="1">(1) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 25. 213 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । <span class="GRef"> महापुराण 25. 213 </span></p> | ||
<p id="2">(2) जीव मात्र के कल्याण की भावना रखने वाले साधु । समवसरण में इनका पृथक् स्थान होता है । <span class="GRef"> महापुराण 9.166, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 3.61 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) जीव मात्र के कल्याण की भावना रखने वाले साधु । समवसरण में इनका पृथक् स्थान होता है । <span class="GRef"> महापुराण 9.166, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_3#61|हरिवंशपुराण - 3.61]] </span></p> | ||
<p id="3">(3) संगीत के तालगत गांधर्व का एक भेद । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 19.151 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) संगीत के तालगत गांधर्व का एक भेद । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_19#151|हरिवंशपुराण - 19.151]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
(1) सौधर्मेंद्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25. 213
(2) जीव मात्र के कल्याण की भावना रखने वाले साधु । समवसरण में इनका पृथक् स्थान होता है । महापुराण 9.166, हरिवंशपुराण - 3.61
(3) संगीत के तालगत गांधर्व का एक भेद । हरिवंशपुराण - 19.151