रैवतक: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> एक पर्वत-गिरनार । तीर्थकर-नेमिनाथ का निर्वाण इसी पर्वत से हुआ था । इसी पर्वत पर रुक्मिणी को कृष्ण ने विधिपूर्वक विवाहा था । इसका अपर नाम शत्रुन्जय था । <span class="GRef"> महापुराण 71. 179-181, 72 267,274, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 42. 96, 55.29, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 16.22 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक पर्वत-गिरनार । तीर्थकर-नेमिनाथ का निर्वाण इसी पर्वत से हुआ था । इसी पर्वत पर रुक्मिणी को कृष्ण ने विधिपूर्वक विवाहा था । इसका अपर नाम शत्रुन्जय था । <span class="GRef"> महापुराण 71. 179-181, 72 267,274, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_42#96|हरिवंशपुराण - 42.96]], 55.29, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 16.22 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
सौराष्ट्र देश में जूनागढ़ राज्य का गिरनार पर्वत। ( महापुराण/ प्रस्तावना 49/पं. पन्नालाल)।
पुराणकोष से
एक पर्वत-गिरनार । तीर्थकर-नेमिनाथ का निर्वाण इसी पर्वत से हुआ था । इसी पर्वत पर रुक्मिणी को कृष्ण ने विधिपूर्वक विवाहा था । इसका अपर नाम शत्रुन्जय था । महापुराण 71. 179-181, 72 267,274, हरिवंशपुराण - 42.96, 55.29, पांडवपुराण 16.22