लोलुप: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> वंशा नरकभूमि के दसवें प्रस्तार का इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ आठ और विदिशाओं में एक सौ चार श्रेणीबद्ध बिल हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4.79, 114 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> वंशा नरकभूमि के दसवें प्रस्तार का इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ आठ और विदिशाओं में एक सौ चार श्रेणीबद्ध बिल हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#79|हरिवंशपुराण - 4.79]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#114|हरिवंशपुराण - 4.114]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: ल]] | [[Category: ल]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
वंशा नरकभूमि के दसवें प्रस्तार का इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ आठ और विदिशाओं में एक सौ चार श्रेणीबद्ध बिल हैं । हरिवंशपुराण - 4.79,हरिवंशपुराण - 4.114