वैशाखस्थान: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> बाण चलाते समय प्रयुज्य एक आसन । इसमें दायें पैर का घुटना-पृथ्वी में टेककर बायें पैर को घुटने से | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> बाण चलाते समय प्रयुज्य एक आसन । इसमें दायें पैर का घुटना-पृथ्वी में टेककर बायें पैर को घुटने से मोड़कर रखा जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 32.87, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#8|हरिवंशपुराण - 4.8]] </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: व]] | [[Category: व]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:25, 27 November 2023
बाण चलाते समय प्रयुज्य एक आसन । इसमें दायें पैर का घुटना-पृथ्वी में टेककर बायें पैर को घुटने से मोड़कर रखा जाता है । महापुराण 32.87, हरिवंशपुराण - 4.8