वैशाखस्थान
From जैनकोष
बाण चलाते समय प्रयुज्य एक आसन । इसमें दायें पैर का घुटना-पृथ्वी में टेककर बायें पैर को घुटने से मोड़कर रखा जाता है । महापुराण 32.87, हरिवंशपुराण - 4.8
बाण चलाते समय प्रयुज्य एक आसन । इसमें दायें पैर का घुटना-पृथ्वी में टेककर बायें पैर को घुटने से मोड़कर रखा जाता है । महापुराण 32.87, हरिवंशपुराण - 4.8