• जैनकोष
    जैनकोष
  • Menu
  • Main page
    • Home
    • Dictionary
    • Literature
    • Kaavya Kosh
    • Study Material
    • Audio
    • Video
    • Online Classes
    • Games
    • Home
    • Dictionary
    • Literature
    • Kaavya Kosh
    • Study Material
    • Audio
    • Video
    • Online Classes
    • Games
    • What links here
    • Related changes
    • Special pages
    • Printable version
    • Permanent link
    • Page information
    • Recent changes
    • Help
    • Create account
    • Log in

जैन शब्दों का अर्थ जानने के लिए किसी भी शब्द को नीचे दिए गए स्थान पर हिंदी में लिखें एवं सर्च करें

Help
 Actions
  • Page
  • Discussion
  • View source
  • View history

शब्द समय: Difference between revisions

From जैनकोष

Revision as of 17:47, 30 November 2022 (view source)
Drsayali (talk | contribs)
No edit summary
← Older edit
Latest revision as of 15:25, 27 November 2023 (view source)
Maintenance script (talk | contribs)
(Imported from text file)
 
(2 intermediate revisions by one other user not shown)
Line 1: Line 1:
<li><span class="HindiText"><strong id="2" name="2">शब्द अर्थ व ज्ञान समय</strong><br /></span>
<li class="HindiText"><strong id="2" name="2">शब्द अर्थ व ज्ञान समय</strong><br /></span>
   <p><span class="GRef">पंचास्तिकाय / तत्त्वप्रदीपिका/3 </span>  <span class="SanskritText"> तत्र च पंचानामस्तिकायानां समो मध्यस्थो रागद्वेषाभ्यनुपहतो वर्णपदवाक्यसंनिवेशविशिष्ट: पाठो वाद: शब्दसमय: शब्दागम इति यावत् । तेषामेव मिथ्यादर्शनोदयोच्छेदे सति सम्यग्वाय: परिच्छेदो ज्ञानसमयो ज्ञानागम इति यावत् । तेषामेवाभिधानप्रत्ययपरिच्छिन्नानां वस्तुरूपेण समवाय: संघातोऽर्थसमय: सर्वपदार्थसार्थ इति यावत् । </span>=<span class="HindiText">सम् अर्थात् मध्यस्थ यानी जो रागद्वेष से विकृत नहीं हुआ, वाद अर्थात् वर्ण पद और वाक्य के समूह वाला पाठ। पाँच अस्तिकाय का 'समवाय' अर्थात् मध्यस्थ पाठ वह शब्दसमय है अर्थात् शब्दागम वह शब्द समय है। मिथ्यादर्शन के उदय का नाश होने पर, उस पंचास्तिकाय का ही सम्यग् अवाय अर्थात् सम्यग्ज्ञान वह ज्ञान समय है अर्थात् ज्ञानागम वह ज्ञान समय है। कथन के निमित्त से ज्ञात हुए उस पंचास्तिकाय का ही वस्तु रूप से समवाय अर्थात् समूह वह अर्थसमय है।</span></p></li>
   <p><span class="GRef">(पंचास्तिकाय / तत्त्वप्रदीपिका/3) </span>  <span class="SanskritText"> तत्र च पंचानामस्तिकायानां समो मध्यस्थो रागद्वेषाभ्यनुपहतो वर्णपदवाक्यसंनिवेशविशिष्ट: पाठो वाद: शब्दसमय: शब्दागम इति यावत् । तेषामेव मिथ्यादर्शनोदयोच्छेदे सति सम्यग्वाय: परिच्छेदो ज्ञानसमयो ज्ञानागम इति यावत् । तेषामेवाभिधानप्रत्ययपरिच्छिन्नानां वस्तुरूपेण समवाय: संघातोऽर्थसमय: सर्वपदार्थसार्थ इति यावत् । </span>=<span class="HindiText">सम् अर्थात् मध्यस्थ यानी जो रागद्वेष से विकृत नहीं हुआ, वाद अर्थात् वर्ण पद और वाक्य के समूह वाला पाठ। पाँच अस्तिकाय का 'समवाय' अर्थात् मध्यस्थ पाठ वह शब्दसमय है अर्थात् शब्दागम वह शब्द समय है। मिथ्यादर्शन के उदय का नाश होने पर, उस पंचास्तिकाय का ही सम्यग् अवाय अर्थात् सम्यग्ज्ञान वह ज्ञान समय है अर्थात् ज्ञानागम वह ज्ञान समय है। कथन के निमित्त से ज्ञात हुए उस पंचास्तिकाय का ही वस्तु रूप से समवाय अर्थात् समूह वह अर्थसमय है।</span></p></li>
<ul><li><p class="HindiText>अधिक जानकारी  के लिए देखें [[ समय ]]।</p></li></ul>
<ul><li><p class="HindiText>अधिक जानकारी  के लिए देखें [[ समय#2 | समय 2]]।</p></li></ul>


<noinclude>
<noinclude>

Latest revision as of 15:25, 27 November 2023

  • शब्द अर्थ व ज्ञान समय

    (पंचास्तिकाय / तत्त्वप्रदीपिका/3) तत्र च पंचानामस्तिकायानां समो मध्यस्थो रागद्वेषाभ्यनुपहतो वर्णपदवाक्यसंनिवेशविशिष्ट: पाठो वाद: शब्दसमय: शब्दागम इति यावत् । तेषामेव मिथ्यादर्शनोदयोच्छेदे सति सम्यग्वाय: परिच्छेदो ज्ञानसमयो ज्ञानागम इति यावत् । तेषामेवाभिधानप्रत्ययपरिच्छिन्नानां वस्तुरूपेण समवाय: संघातोऽर्थसमय: सर्वपदार्थसार्थ इति यावत् । =सम् अर्थात् मध्यस्थ यानी जो रागद्वेष से विकृत नहीं हुआ, वाद अर्थात् वर्ण पद और वाक्य के समूह वाला पाठ। पाँच अस्तिकाय का 'समवाय' अर्थात् मध्यस्थ पाठ वह शब्दसमय है अर्थात् शब्दागम वह शब्द समय है। मिथ्यादर्शन के उदय का नाश होने पर, उस पंचास्तिकाय का ही सम्यग् अवाय अर्थात् सम्यग्ज्ञान वह ज्ञान समय है अर्थात् ज्ञानागम वह ज्ञान समय है। कथन के निमित्त से ज्ञात हुए उस पंचास्तिकाय का ही वस्तु रूप से समवाय अर्थात् समूह वह अर्थसमय है।

    • अधिक जानकारी के लिए देखें समय 2।


    पूर्व पृष्ठ

    अगला पृष्ठ

    Retrieved from "https://www.jainkosh.org/w/index.php?title=शब्द_समय&oldid=129272"
    Categories:
    • श
    • द्रव्यानुयोग
    JainKosh

    जैनकोष याने जैन आगम का डिजिटल ख़जाना ।

    यहाँ जैन धर्म के आगम, नोट्स, शब्दकोष, ऑडियो, विडियो, पाठ, स्तोत्र, भक्तियाँ आदि सब कुछ डिजिटली उपलब्ध हैं |

    Quick Links

    • Home
    • Dictionary
    • Literature
    • Kaavya Kosh
    • Study Material
    • Audio
    • Video
    • Online Classes

    Other Links

    • This page was last edited on 27 November 2023, at 15:25.
    • Privacy policy
    • About जैनकोष
    • Disclaimers
    © Copyright Jainkosh. All Rights Reserved
  • Powered by MediaWiki