शीला: Difference between revisions
From जैनकोष
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
(Imported from text file) |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p id="1">(1) रावण की रानी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 77.13 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) रावण की रानी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_77#13|पद्मपुराण - 77.13]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) व्याघ्रपुर नगर के राजा सुकांत की पुत्री और सिंहेंदु की बहिन । श्रीवर्धित ब्राह्मण ने इसका अपहरण किया था । पूर्वभव में इसे कोढ़ हो गया था । इसने भद्राचार्य के समीप अणुव्रत धारण किये थे, जिसके फलस्वरूप मरकर यह स्वर्ग गया और वहाँ से च्युत होकर इस नाम की स्त्री हुई । <span class="GRef"> पद्मपुराण 80. 173, 190-193 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) व्याघ्रपुर नगर के राजा सुकांत की पुत्री और सिंहेंदु की बहिन । श्रीवर्धित ब्राह्मण ने इसका अपहरण किया था । पूर्वभव में इसे कोढ़ हो गया था । इसने भद्राचार्य के समीप अणुव्रत धारण किये थे, जिसके फलस्वरूप मरकर यह स्वर्ग गया और वहाँ से च्युत होकर इस नाम की स्त्री हुई । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_80#173|पद्मपुराण - 80.173]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_80#190|पद्मपुराण - 80.190]]-193 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:25, 27 November 2023
(1) रावण की रानी । पद्मपुराण - 77.13
(2) व्याघ्रपुर नगर के राजा सुकांत की पुत्री और सिंहेंदु की बहिन । श्रीवर्धित ब्राह्मण ने इसका अपहरण किया था । पूर्वभव में इसे कोढ़ हो गया था । इसने भद्राचार्य के समीप अणुव्रत धारण किये थे, जिसके फलस्वरूप मरकर यह स्वर्ग गया और वहाँ से च्युत होकर इस नाम की स्त्री हुई । पद्मपुराण - 80.173,पद्मपुराण - 80.190-193