श्रीतिलक: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> भरतक्षेत्र की काकंदी नगरी के एक साधु । शामली नगर के वसुदेव और सुदेव ने इन्हें उत्तम भावों से आहार दिया था जिसके फलस्वरूप वे अपनी-अपनी स्त्री सहित भोगभूमि में उत्पन्न हुए थे । <span class="GRef"> पद्मपुराण 108.39-42 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> भरतक्षेत्र की काकंदी नगरी के एक साधु । शामली नगर के वसुदेव और सुदेव ने इन्हें उत्तम भावों से आहार दिया था जिसके फलस्वरूप वे अपनी-अपनी स्त्री सहित भोगभूमि में उत्पन्न हुए थे । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_108#39|पद्मपुराण - 108.39-42]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:25, 27 November 2023
भरतक्षेत्र की काकंदी नगरी के एक साधु । शामली नगर के वसुदेव और सुदेव ने इन्हें उत्तम भावों से आहार दिया था जिसके फलस्वरूप वे अपनी-अपनी स्त्री सहित भोगभूमि में उत्पन्न हुए थे । पद्मपुराण - 108.39-42