सिंहनाद: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(5 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p id="1"> (1) राजा | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) राजा जरासंध के अनेक पुत्रों में एक पुत्र । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_52#34|हरिवंशपुराण - 52.34]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) तीर्थंकर श्रेयांस की जन्मभूमि । <span class="GRef"> महापुराण </span>ने श्रेयांसनाथ की जन्मभूमि का नाम सिंहपुर दिया है । <span class="GRef"> पद्मपुराण 20.47, </span>देखें [[ सिंहपुर#2 | सिंहपुर - 2]]</p> | <p id="2" class="HindiText">(2) तीर्थंकर श्रेयांस की जन्मभूमि । <span class="GRef"> महापुराण </span>ने श्रेयांसनाथ की जन्मभूमि का नाम सिंहपुर दिया है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_20#47|पद्मपुराण - 20.47]], </span>देखें [[ सिंहपुर#2 | सिंहपुर - 2]]</p> | ||
<p id="3">(3) राम का पक्षधर एक विद्याधर । इसने रावण के शौर्य की प्रशंसा करके राम की सेना को अनुत्साहित करने का प्रयत्न किया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 54.28 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) राम का पक्षधर एक विद्याधर । इसने रावण के शौर्य की प्रशंसा करके राम की सेना को अनुत्साहित करने का प्रयत्न किया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_54#28|पद्मपुराण - 54.28]] </span></p> | ||
<p id="4">(4) एक अटवी । राम ने इसी अटवी में सेनापति | <p id="4" class="HindiText">(4) एक अटवी । राम ने इसी अटवी में सेनापति कृतांतवक्त्र से सीता को छोड़ आने के लिए कहा था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_97#63|पद्मपुराण - 97.63]] </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ | [[ सिंहनंदिता | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ सिंहनिष्क्रीडित | अगला पृष्ठ ]] | [[ सिंहनिष्क्रीडित | अगला पृष्ठ ]] | ||
Line 13: | Line 13: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: स]] | [[Category: स]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
(1) राजा जरासंध के अनेक पुत्रों में एक पुत्र । हरिवंशपुराण - 52.34
(2) तीर्थंकर श्रेयांस की जन्मभूमि । महापुराण ने श्रेयांसनाथ की जन्मभूमि का नाम सिंहपुर दिया है । पद्मपुराण - 20.47, देखें सिंहपुर - 2
(3) राम का पक्षधर एक विद्याधर । इसने रावण के शौर्य की प्रशंसा करके राम की सेना को अनुत्साहित करने का प्रयत्न किया था । पद्मपुराण - 54.28
(4) एक अटवी । राम ने इसी अटवी में सेनापति कृतांतवक्त्र से सीता को छोड़ आने के लिए कहा था । पद्मपुराण - 97.63