स्रगांग: Difference between revisions
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Latest revision as of 15:31, 27 November 2023
भोगभूमि के समय के कल्पवृक्ष । ये सब ऋतुओं के फूलों से युक्त । अनेक प्रकार की मालाएँ और कान के आभूषण धारण करते हैं । इनको ही माल्यांग कहते हैं । महापुराण 9.34-36, 42, 7. 80, 88, वीरवर्द्धमान चरित्र 18.91-92, देखें माल्यांग