स्वस्तिमती: Difference between revisions
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<p> शक्तिमती नगरी के निवासी क्षीरकदंब ब्राह्मण की स्त्री । इसके पुत्र का नाम पर्वत था । यह नारद और राजा वसु की गुरुमाता थी । ‘‘अजैर्यष्टव्यम्’’ के अर्थ को लेकर नारद और पर्वत के बीच हुए विवाद में इसने पर्वत की विजय कराने के लिए राजा वसु से पर्वत का समर्थन कराया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 11. 13-14, 19, 46-63, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 17.38-39, 64-65, 69, 110 </span>देखें [[ पर्वत ]]</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> शक्तिमती नगरी के निवासी क्षीरकदंब ब्राह्मण की स्त्री । इसके पुत्र का नाम पर्वत था । यह नारद और राजा वसु की गुरुमाता थी । ‘‘अजैर्यष्टव्यम्’’ के अर्थ को लेकर नारद और पर्वत के बीच हुए विवाद में इसने पर्वत की विजय कराने के लिए राजा वसु से पर्वत का समर्थन कराया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_11#13|पद्मपुराण - 11.13-14]], 19, 46-63, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_17#38|हरिवंशपुराण - 17.38-39]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_17#64|हरिवंशपुराण - 17.64-65]], 69, 110 </span>देखें [[ पर्वत ]]</p> | ||
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Latest revision as of 15:31, 27 November 2023
शक्तिमती नगरी के निवासी क्षीरकदंब ब्राह्मण की स्त्री । इसके पुत्र का नाम पर्वत था । यह नारद और राजा वसु की गुरुमाता थी । ‘‘अजैर्यष्टव्यम्’’ के अर्थ को लेकर नारद और पर्वत के बीच हुए विवाद में इसने पर्वत की विजय कराने के लिए राजा वसु से पर्वत का समर्थन कराया था । पद्मपुराण - 11.13-14, 19, 46-63, हरिवंशपुराण - 17.38-39,हरिवंशपुराण - 17.64-65, 69, 110 देखें पर्वत