ऋक्षरज: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> वानरवंशी राजा । अपने नगर अलकारपुर से निकलकर इसने अपनी वश-परंपरा से चले आये किष्कुनगर को लेने के लिए यम दिक्पाल से युद्ध किया था, जिसमें यह पकड़ा गया था । अंत में दशानन की सहायता से यम के बंधन से मुक्त होकर तथा यम को जीतकर इसने किष्कुपुर का वंश क्रमागत शासन प्राप्त किया था । इसकी रानी हरिकांता से इसके नल और नील दो पुत्र हुए थे । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_7#77|पद्मपुराण - 7.77 | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> वानरवंशी राजा । अपने नगर अलकारपुर से निकलकर इसने अपनी वश-परंपरा से चले आये किष्कुनगर को लेने के लिए यम दिक्पाल से युद्ध किया था, जिसमें यह पकड़ा गया था । अंत में दशानन की सहायता से यम के बंधन से मुक्त होकर तथा यम को जीतकर इसने किष्कुपुर का वंश क्रमागत शासन प्राप्त किया था । इसकी रानी हरिकांता से इसके नल और नील दो पुत्र हुए थे । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_7#77|पद्मपुराण - 7.77,18.440-451, 498, 9.13,]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 10:11, 22 January 2024
वानरवंशी राजा । अपने नगर अलकारपुर से निकलकर इसने अपनी वश-परंपरा से चले आये किष्कुनगर को लेने के लिए यम दिक्पाल से युद्ध किया था, जिसमें यह पकड़ा गया था । अंत में दशानन की सहायता से यम के बंधन से मुक्त होकर तथा यम को जीतकर इसने किष्कुपुर का वंश क्रमागत शासन प्राप्त किया था । इसकी रानी हरिकांता से इसके नल और नील दो पुत्र हुए थे । पद्मपुराण - 7.77,18.440-451, 498, 9.13,