घृतवर: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) मध्यलोक का छठा द्वीप । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.615 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) मध्यलोक का छठा द्वीप । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#615|हरिवंशपुराण - 5.615]] </span></p> | ||
<p id="2"> (2) इस द्वीप को घेरे हुए इसी नाम का एक सागर । इसका जल धृततुल्य है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.615 </span>, 628</p> | <p id="2" class="HindiText"> (2) इस द्वीप को घेरे हुए इसी नाम का एक सागर । इसका जल धृततुल्य है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#615|हरिवंशपुराण - 5.615]] </span>, 628</p> | ||
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Latest revision as of 18:11, 22 January 2024
सिद्धांतकोष से
- मध्यलोक का 6ठाँ द्वीप व सागर–देखें लोक - 5।
- उत्तर घृतवरद्वीप का अधिपति व्यंतर देव–देखें व्यंतर - 4.7।
पुराणकोष से
(1) मध्यलोक का छठा द्वीप । हरिवंशपुराण - 5.615
(2) इस द्वीप को घेरे हुए इसी नाम का एक सागर । इसका जल धृततुल्य है । हरिवंशपुराण - 5.615 , 628