संप्रदान कारक: Difference between revisions
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<p class="HindiText">कर्म जिसको देने में आवे अर्थात् जिसके लिए करने में आवे सो संप्रदान।</p> | |||
<p class="HindiText">2. अभिन्नकारकी व्यवस्था में संप्रदान का प्रयोग - देखें [[ कारक#1 | कारक - 1]]।</p> | <p class="HindiText">2. अभिन्नकारकी व्यवस्था में संप्रदान का प्रयोग - देखें [[ कारक#1 | कारक - 1]]।</p> | ||
Latest revision as of 13:19, 17 February 2024
1. प्रवचनसार/ पं.जयचंद्र/16
कर्म जिसको देने में आवे अर्थात् जिसके लिए करने में आवे सो संप्रदान।
2. अभिन्नकारकी व्यवस्था में संप्रदान का प्रयोग - देखें कारक - 1।