संप्रदान शक्ति
From जैनकोष
समयसार / आत्मख्याति/ परिशिष्ठ/शक्ति 44 स्वयं दीयमानभावोपेयत्वमयी संप्रदान शक्ति:। = अपने द्वारा दिया जाता जो भाव उसके उपेयत्वमय (उसे प्राप्त करने के योग्यपनामय, उसे लेने के पात्रपनामय) संप्रदान शक्ति।
समयसार / आत्मख्याति/ परिशिष्ठ/शक्ति 44 स्वयं दीयमानभावोपेयत्वमयी संप्रदान शक्ति:। = अपने द्वारा दिया जाता जो भाव उसके उपेयत्वमय (उसे प्राप्त करने के योग्यपनामय, उसे लेने के पात्रपनामय) संप्रदान शक्ति।