सुसीमा: Difference between revisions
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पूर्व विदेहस्थ वत्सदेश की मुख्य नगरी-देखें [[ लोक#5.2 | लोक - 5.2]]। | <p class="HindiText">पूर्व विदेहस्थ वत्सदेश की मुख्य नगरी-देखें [[ लोक#5.2 | लोक - 5.2]]।</p> | ||
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) सुराष्ट्र देश की अजापुरी नगरी के राजा राष्ट्रवर्धन और विनया रानी की पुत्री । यह नमुचि की बहिन थी । कृष्ण ने नमुचि को मार कर इसे अपनी पटरानी बना लिया था । <span class="GRef"> महापुराण 71. 386-397, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 44.26-31 </span>देखें [[ नमुचि ]]</p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) सुराष्ट्र देश की अजापुरी नगरी के राजा राष्ट्रवर्धन और विनया रानी की पुत्री । यह नमुचि की बहिन थी । कृष्ण ने नमुचि को मार कर इसे अपनी पटरानी बना लिया था । <span class="GRef"> महापुराण 71. 386-397, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_44#26|हरिवंशपुराण - 44.26-31]] </span>देखें [[ नमुचि ]]</p> | ||
<p id="2">(2) एक नगरी । यह धातकीखंड द्वीप में पूर्वविदेह क्षेत्र के वत्स देश की राजधानी थी । <span class="GRef"> महापुराण 52.2-3 56.2, 63.209, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5. 247, 269 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) एक नगरी । यह धातकीखंड द्वीप में पूर्वविदेह क्षेत्र के वत्स देश की राजधानी थी । <span class="GRef"> महापुराण 52.2-3 56.2, 63.209, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#247|हरिवंशपुराण - 5.247]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#269|हरिवंशपुराण - 5.269]] </span></p> | ||
<p id="3">(3) जंबूद्वीप की कौशांबी नगरी के राजा धरण की रानी । यह तीर्थंकर पद्मप्रभ की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 52. 18-19, 21, 26, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_20#42|पद्मपुराण - 20.42]] </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) जंबूद्वीप की कौशांबी नगरी के राजा धरण की रानी । यह तीर्थंकर पद्मप्रभ की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 52. 18-19, 21, 26, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_20#42|पद्मपुराण - 20.42]] </span></p> | ||
<p id="4">(4) जंबूद्वीप के विजयार्ध पर्वत की पूर्व दिशा की और नीलगिरि की पश्चिम दिशा में विद्यमान एक देश । श्रीपाल ने यहाँ अपने चक्रवर्ती होने का प्रमाण दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 47.65-66 </span></p> | <p id="4" class="HindiText">(4) जंबूद्वीप के विजयार्ध पर्वत की पूर्व दिशा की और नीलगिरि की पश्चिम दिशा में विद्यमान एक देश । श्रीपाल ने यहाँ अपने चक्रवर्ती होने का प्रमाण दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 47.65-66 </span></p> | ||
<p id="5">(5) जंबूद्वीप के ऐरावत क्षेत्र की अयोध्या नगरी के राजा श्रीवर्मा की रानी । श्रीधर्मा इसका पुत्र था । <span class="GRef"> महापुराण 59.282-283 </span></p> | <p id="5" class="HindiText">(5) जंबूद्वीप के ऐरावत क्षेत्र की अयोध्या नगरी के राजा श्रीवर्मा की रानी । श्रीधर्मा इसका पुत्र था । <span class="GRef"> महापुराण 59.282-283 </span></p> | ||
<p id="6">(6) जंबूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र में महावत्स देश का मुख्य नगरी । <span class="GRef"> महापुराण 10.121-122 </span></p> | <p id="6" class="HindiText">(6) जंबूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र में महावत्स देश का मुख्य नगरी । <span class="GRef"> महापुराण 10.121-122 </span></p> | ||
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Latest revision as of 17:10, 24 February 2024
सिद्धांतकोष से
पूर्व विदेहस्थ वत्सदेश की मुख्य नगरी-देखें लोक - 5.2।
पुराणकोष से
(1) सुराष्ट्र देश की अजापुरी नगरी के राजा राष्ट्रवर्धन और विनया रानी की पुत्री । यह नमुचि की बहिन थी । कृष्ण ने नमुचि को मार कर इसे अपनी पटरानी बना लिया था । महापुराण 71. 386-397, हरिवंशपुराण - 44.26-31 देखें नमुचि
(2) एक नगरी । यह धातकीखंड द्वीप में पूर्वविदेह क्षेत्र के वत्स देश की राजधानी थी । महापुराण 52.2-3 56.2, 63.209, हरिवंशपुराण - 5.247,हरिवंशपुराण - 5.269
(3) जंबूद्वीप की कौशांबी नगरी के राजा धरण की रानी । यह तीर्थंकर पद्मप्रभ की जननी थी । महापुराण 52. 18-19, 21, 26, पद्मपुराण - 20.42
(4) जंबूद्वीप के विजयार्ध पर्वत की पूर्व दिशा की और नीलगिरि की पश्चिम दिशा में विद्यमान एक देश । श्रीपाल ने यहाँ अपने चक्रवर्ती होने का प्रमाण दिया था । महापुराण 47.65-66
(5) जंबूद्वीप के ऐरावत क्षेत्र की अयोध्या नगरी के राजा श्रीवर्मा की रानी । श्रीधर्मा इसका पुत्र था । महापुराण 59.282-283
(6) जंबूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र में महावत्स देश का मुख्य नगरी । महापुराण 10.121-122