स्वार्थानुमान: Difference between revisions
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<span class="HindiText">= अन्यथानुपपत्ति रूप एक लक्षण वाले हेतु को ग्रहण करने के संबंध के स्मरण पूर्वक साध्य के ज्ञान को '''स्वार्थानुमान''' कहते हैं। </span> <span class="GRef">( स्याद्वादमंजरी श्लोक 20/256/13)</span><br /> | |||
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Latest revision as of 16:58, 29 February 2024
स्याद्वादमंजरी श्लोक 28/322/2 तत्रांयथानुपपत्त्येकलक्षणहेतुग्रहणसंबंधस्मरणकारणकं साध्यविज्ञानं स्वार्थम्।
= अन्यथानुपपत्ति रूप एक लक्षण वाले हेतु को ग्रहण करने के संबंध के स्मरण पूर्वक साध्य के ज्ञान को स्वार्थानुमान कहते हैं। ( स्याद्वादमंजरी श्लोक 20/256/13)
अधिक जानकारी के लिये देखें अनुमान - 1।