श्रीनंदि: Difference between revisions
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<span class="HindiText">नंदि संघ देशीयगण के अनुसार आप सकल-चंद्र के शिष्य तथा नयनंदि के गुरु थे। आपके लिए ही श्री पद्मनंदि ने जंबूद्वीप पण्णत्ति लिखी थी। अपरनाम रामनंदि था। समय - (वि.1025-1080 ई.968-1023), ( जंबूद्वीपपण्णत्तिसंगहो/ | <span class="HindiText">नंदि संघ देशीयगण के अनुसार आप सकल-चंद्र के शिष्य तथा नयनंदि के गुरु थे। आपके लिए ही श्री पद्मनंदि ने जंबूद्वीप पण्णत्ति लिखी थी। अपरनाम रामनंदि था। समय - (वि.1025-1080 ई.968-1023), <span class="GRef">( जंबूद्वीपपण्णत्तिसंगहो/ प्रस्तावना 13 A.N.Upadhey </span>)। देखें [[ इतिहास#7.5 | इतिहास - 7.5]]।</span> | ||
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Latest revision as of 16:20, 3 March 2024
नंदि संघ देशीयगण के अनुसार आप सकल-चंद्र के शिष्य तथा नयनंदि के गुरु थे। आपके लिए ही श्री पद्मनंदि ने जंबूद्वीप पण्णत्ति लिखी थी। अपरनाम रामनंदि था। समय - (वि.1025-1080 ई.968-1023), ( जंबूद्वीपपण्णत्तिसंगहो/ प्रस्तावना 13 A.N.Upadhey )। देखें इतिहास - 7.5।