अचलावली: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
Jyoti Sethi (talk | contribs) No edit summary |
||
(5 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="HindiText"> जघन्य युक्तासंख्यात समयों की एक आवली होती है। इसका छः भेद रूपसे उल्लेख मिलता है यथा अचलावली-<span class="GRef"> गोम्मटसार कर्मकांड अर्थ संदृष्टि/पृष्ठ 24</span> प्रकृति बंध भये पीछे आवली काल मात्र उदय उदीरणादि रूप होने योग्य नाहीं सो <b>अचलावली</b> है। (इसे बंधावली भी कहते हैं।) <span class="GRef"> गोम्मटसार कर्मकांड/ भाषा 159/194/4</span>;</p> | |||
<p class="HindiText">काल का प्रमाण विशेष - विस्तार से जानने के लिये देखें [[ आवली ]]।</p> | |||
Line 9: | Line 11: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: अ]] | [[Category: अ]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 14:26, 25 August 2024
जघन्य युक्तासंख्यात समयों की एक आवली होती है। इसका छः भेद रूपसे उल्लेख मिलता है यथा अचलावली- गोम्मटसार कर्मकांड अर्थ संदृष्टि/पृष्ठ 24 प्रकृति बंध भये पीछे आवली काल मात्र उदय उदीरणादि रूप होने योग्य नाहीं सो अचलावली है। (इसे बंधावली भी कहते हैं।) गोम्मटसार कर्मकांड/ भाषा 159/194/4;
काल का प्रमाण विशेष - विस्तार से जानने के लिये देखें आवली ।