अरिसूदन: Difference between revisions
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<p> भरतक्षेत्र की गान्धारी नगरी के राजा भूति का पौत्र, योजनगन्धा का पुत्र । कलमगर्भ मुनिराज के दर्शन करने से उत्पन्न पूर्व-जन्म-स्मरण के कारण यह विरक्त हो गया था । यह जिनदीक्षा पूर्वक मरणकर शतार स्वर्ग में देव हुआ । पद्मपुराण 31.46-47</p> | <p> भरतक्षेत्र की गान्धारी नगरी के राजा भूति का पौत्र, योजनगन्धा का पुत्र । कलमगर्भ मुनिराज के दर्शन करने से उत्पन्न पूर्व-जन्म-स्मरण के कारण यह विरक्त हो गया था । यह जिनदीक्षा पूर्वक मरणकर शतार स्वर्ग में देव हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 31.46-47 </span></p> | ||
Revision as of 21:37, 5 July 2020
भरतक्षेत्र की गान्धारी नगरी के राजा भूति का पौत्र, योजनगन्धा का पुत्र । कलमगर्भ मुनिराज के दर्शन करने से उत्पन्न पूर्व-जन्म-स्मरण के कारण यह विरक्त हो गया था । यह जिनदीक्षा पूर्वक मरणकर शतार स्वर्ग में देव हुआ । पद्मपुराण 31.46-47