अरिसूदन
From जैनकोष
भरतक्षेत्र की गांधारी नगरी के राजा भूति का पौत्र, योजनगंधा का पुत्र । कलमगर्भ मुनिराज के दर्शन करने से उत्पन्न पूर्व-जन्म-स्मरण के कारण यह विरक्त हो गया था । यह जिनदीक्षा पूर्वक मरणकर शतार स्वर्ग में देव हुआ । पद्मपुराण - 31.46-47